अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से जुड़ी ख़बरें आपने जरूर देखी होंगी और इस बारे सुना भी होगा। आज हम आपको बताएंगे कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को क्यूं और कब से मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है?
महिलाएं हमेशा से समाज का एक अहम हिस्सा रही हैं और अब राष्ट्र के निर्माण का भी एक अहम हिस्सा बन चुकी हैं। खेल जगत से लेकर मनोरंजन तक, और राजनीति से लेकर सैन्य व रक्षा मंत्रालय तक में महिलाएं न केवल शामिल हैं बल्कि बड़ी भूमिकाओं में हैं। महिलाओं की इसी भागीदारी को बढ़ाने और अपने अधिकारों से अनजान महिलाओं को जागरूक करने व उनके जीवन में सुधार करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। हर साल 8 मार्च को दुनिया के तमाम देशों में महिला दिवस के मौके पर कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है?
अमेरिका में महिलाओं ने 8 मार्च को अपने अधिकारों को लेकर एक मार्च निकाला था। जिसके बाद अगले साल सोशलिस्ट पार्टी ने इसी दिन राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की घोषणा कर दी। वहीं 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल शुरू की थी। उन्होंने भी युद्ध को लेकर अपनी मांग और विचार रखें। इसके बाद सम्राट निकोलस ने अपना पद त्याग दिया और महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला। उनको मिले अधिकार को देखते हुए यूरोप में भी महिलाओं ने कुछ दिन बाद 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स का समर्थन करते हुए रैलियां निकाली। इसी वजह से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हो गई। बाद में 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दे दी।
महिला दिवस की कब हुई शुरुआत?
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में 1908 में एक मजदूर आंदोलन हुआ था, जिसमें करीब 15 हज़ार कामकाजी महिलाएं शामिल हुई थीं। इस आंदोलन में महिलाओं ने न्यूयॉर्क की सड़कों पर मार्च करते हुए अपने अधिकारों को लेकर आवाज उठाई थी। कामकाजी महिलाओं की मांग थी कि उनकी नौकरी के घंटे कम किए जाएं और वेतनमान भी बढ़ाया जाए। महिलाओं ने मतदान का अधिकार देने की भी मांग की। आंदोलन के एक साल बाद 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने महिला दिवस मनाने की घोषणा करते हुए पहली बार राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत की।
लेकिन इस दिन को अंतरराष्ट्रीय बनाने का विचार क्लारा जेटकिन नाम की महिला के दिमाग़ में आया था। उन्होंने अपना ये आइडिया 1910 में कॉपेनहेगन में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ़ वर्किंग वीमेन में दिया था. इस कांफ्रेंस में 17 देशों की 100 महिला प्रतिनिधि हिस्सा ले रही थीं, इन सबने क्लारा के सुझाव का स्वागत किया था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी, स्विट्जरलैंड में बनाया गया। क्लारा ने जब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आइडिया दिया था, तब उन्होंने किसी ख़ास दिन का जिक्र नहीं किया था। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किस दिन हो, 1917 तक इसकी कोई स्पष्टता नहीं थी।
साल 1917 में रूस की महिलाओं ने रोटी और शांति की माँग के साथ चार दिनों का विरोध प्रदर्शन किया था. तत्कालीन रूसी ज़ार को सत्ता त्यागनी पड़ी और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार भी दिया। जिस दिन रूसी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, वह रूस में इस्तेमाल होने वाले जूलियन कैलेंडर के मुताबिक़, 23 फ़रवरी और रविवार का दिन था और यही दिन ग्रेगॉरियन कैलेंडर के मुताबिक़, 8 मार्च था और तब से 8 मार्च के दिन दुनिया भर में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा।
आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत 1975 में तब हुई जब संयुक्त राष्ट्र ने इस आयोजन को मान्यता दे दी।. संयुक्त राष्ट्र ने 1996 में पहली बार इसके आयोजन में एक थीम को अपनाया, वह थीम थी – ‘अतीत का जश्न मनाओ, भविष्य की योजना बनाओ’। महिलाएं समाज में, राजनीति में और अर्थशास्त्र में कहाँ तक पहुँची हैं, इसके जश्न के तौर पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन होता है, लेकिन इस आयोजन के केंद्र में प्रदर्शन की अहमियत रही है, लिहाज़ा महिलाओं के साथ होने वाली असमानताओं को लेकर ज़ागरूकता बढ़ाने के लिए विरोध प्रदर्शन का आयोजन भी होता है।
महिला दिवस का उद्देश्य और महत्व
भले ही आज दुनिया के तमाम देश और हमारा समाज अधिक जागरूक है लेकिन महिलाओं के अधिकारों और हक की लड़ाई अभी भी जारी है। कई मामलों में महिलाओं को आज भी समान सम्मान और अधिकार नहीं मिले हैं। महिलाओं के इन्हीं अधिकार, सम्मान के लिए समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को प्रदर्शित करने वाले कौन-कौन से रंग हैं?
बैंगनी, हरा, और सफेद - ये तीनों अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रंग हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कैंपेन के मुताबिक़, “बैंगनी रंग न्याय और गरिमा का सूचक है, हरा रंग उम्मीद का रंग है, सफ़ेद रंग को शुद्धता का सूचक माना गया है। ये तीनों रंग ब्रिटेन की वीमेंस सोशल एंड पॉलिटिकल यूनियन (डब्ल्यूएसपीयू) ने तय किए थे।”
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आयोजन किस तरह होता है
रूस सहित दुनिया के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है। रूस में 8 मार्च के आसपास तीन चार दिनों में फूलों की बिक्री दोगुनी हो जाती है। चीन में स्टेट काउंसिल की सलाह के मुताबिक़, 8 मार्च को महिलाओं को आधे दिन की छुट्टी मिलती है। इटली में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौक़े पर लोग एक दूसरे को छुई-मुई का फूल देते हैं। इस परंपरा के शुरु होने की वजह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद रोम में इस चलन की शुरुआत हुई।अमेरिका में ‘मार्च’ महिला इतिहास का महीना होता है। हर साल जारी होने वाली घोषणा के ज़रिए राष्ट्रपति अमेरिकी महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करते हैं। भारत में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं किया गया है लेकिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिस में महिलाओं के सशक्तिकरण को देखा जाता है और महिलाओं के द्वारा प्रप्त की गई उपलब्धियों को उजागर किया जाता है।