कृषि क्षेत्र का महत्त्व

अभी भारतवासियों के मन में नया भारत के निर्माण में बहुत सारे विचारों का आना-जाना लगा रहता है। लोग इस बारे में बातें भी करते है कि हमें किन-किन क्षेत्रों पर धयान देने की ज्यादा जरुरत है। हमलोग ज्यादातर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देश को सुदृढ़ और संपन्न करने में लगे रहते है; इसका एक कारण यह भी है कि, जितने भी विकसित देश है, उनका यह क्षेत्र बहुत ही मजबुत और संपन्न रहा है। हमलोग उन्हीं से प्रेरित होकर बड़े- बड़े कल-कारखाने का निर्माण करने की कोशिश करते है और हमेशा ही हम टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में शोध करते है, उनको आगे बढ़ने की बात करते है। लेकिन इस आलेख में हमलोग के समाज में कृषि क्षेत्र की भूमिका को जानने का प्रयास करेंगे और इस क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है, उसका उल्लेख करेंगे।

हम भारतीय वर्षों से यही सुनते और मानते आए है कि मनुष्यों को जीवन का गुजारा करने के लिए तीन सबसे बुनियादी जरूरतें है जो आमतौर पर बोलचाल की भाषा में ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ के रूप में लोकप्रिय है; जिसका अर्थ निकलता है, खाने के लिए भोजन, पहनने के लिए वस्त्र और रहने के लिए घर। देश को सशक्त बनाने में हमें देश के हर एक व्यक्ति के लिए इन बुनियादी जरूरतों के साधन को मजबुत बनाना बहुत ही जरूरी हो जाता है।

हमारे देश में ही अपनी कृषि से सारे देशवासियों के लिए खाद्य सामग्री की उपलब्धता हो , यह एक सम्पन्न देश बनाने के लिए अहम हो जाता है। इसके लिए सबका योगदान जरुरी हो जाता है। कृषि को राजनीतिक मदद, सरकारी मदद और सामाजिक मदद मिलना जरुरी है, तभी इसका विकास संभव है।

किसान वर्ग जो की कृषि क्षेत्र को सुचारू रूप से सँभालते है, उनका धयान रखना भी उतना ही जरुरी है, क्योंकि उन्हीं लोगों की मदद से यह क्षेत्र उन्नत करेगी।

अगर हम इतिहास के प्राचीन भारत के पन्नों को देखेंगे तो पाएंगे कि जब से मानव जाति ने कृषि करना प्रारंभ किया; तब से ही भारत और भारतीय कृषि पर निर्भर है। हमेशा से कृषि एक आय का स्रोत भी हमारे देश के लिए रहा है, बहुत सारे ऐसे फसल भी है जो हमें खाद्य पदार्थ के अलावा ऐसे चीजें देती है, जिनसे मानवों के लिए अन्य उपयोगी सामान भी बनते है।

कृषि आधारित उद्योग भी एक देश को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाती है, जिसमें वस्त्र-उद्योग, नील-उद्योग, जुट-उद्योग और कागज-उद्योग इत्यादि शामिल हैं। सिर्फ खाद्य-पदार्थ ही नहीं, इन सभी उद्योगों के निर्माण के लिए भी कच्चा-माल यहीं से आती है।

इसका पशुपालन में भी बहुत बड़ा योगदान है क्योंकि उनका चारागाह भी यहीं से आता है। मानव जाति के समाज में पशुओं की जरुरत है, हमलोग सभी पारितंत्र का एक हिस्सा है, पशुओं का भी इसमें भूमिका है। मनुष्यों को रहने के लिए एक शुद्ध पर्यावरण का होना जरूरी है।

अतः नए भारत के निर्माण में हमें कृषि पर ध्यान देने की जरुरत है। यह हमारे समाज को प्रगति करने में मददगार साबित होगी। इससे देश का आर्थिक विकास भी संभव होगा। हमारे देशवासीयों का एक बड़ा समुह कृषि पर निर्भर करता है; अतः हमें उनलोगों के जीवन-स्तर को ऊपर उठाने के लिए इसपर ध्यान देने की जरुरत है। नए भारत के निर्माण में हमें देश के हर एक वर्ग-समुहों तथा कार्य-क्षेत्रों का विकास करेंगे।

प्रीति कुमारी
लेखिका (इंटर्न) at नया.भारत | + posts

स्नातकोत्तर (इतिहास) की छात्रा।

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